शंख की पहचान क्या है? original shankh ki pehchan kya hai

by Prabhu Bhakti on March 05, 2023

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धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शंख भी लक्ष्मी जी की तरह सागर से ही उत्पन्न हुआ है इसी वजह से शंख को लक्ष्मी का भाई बताया गया है. शंख की गिनती समुद्र मंथन  से निकले चौदह रत्नों में होती है. शंख को इसलिए भी शुभ माना गया है, क्योंकि माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु, दोनों ही अपने हाथों में इसे धारण करते हैं .

शंख की पहचान क्या है? original shankh ki pehchan

असली शंख की पहचान करने का तरीका है उसे बजाकर देखना। यदि उस शंख में से निकलने वाली ध्वनि में किसी तरह की कंपन नहीं है और आवाज़ खोखली लग रही है तो वह शंख असली नहीं है। वहीँ वामवर्ती शंख का मुख बाई ओर होता है जबकि दक्षिणावर्ती शंख का मुख दाई ओर होता है।  

 

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 शंख घर में कैसे रखें? shankh placement

वास्‍तु शास्‍त्र के अनुसार अगर किसी को प्रसिद्धी पानी हो तो उसे शंख को दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। लेकिन ध्‍यान रखें कि इसे घर में कहीं भी नहीं रखना चाहिए। बल्कि उसे लिविंग रूम में दक्षिण दिशा में रखें। ऐसा करने से जातक को हर जगह नेम-फेम मिलेगा।

 

वामावर्ती शंख और दक्षिणावर्ती शंख में क्या अंतर् है ?

भगवान् विष्णु दक्षिणावर्ती शंख धारण करते हैं तो माता लक्ष्मी वामावर्ती शंख धारण करती हैं. घर में वामावर्ती शंख हो तो धन का कभी अभाव नहीं होता. भगवान कृष्ण के पास पाञ्चजन्य शंख था, जिसकी ध्वनि कई किलोमीटर तक सुनी जाती थी.कहा जाता है कि महाभारत की लड़ाई में पाञ्चजन्य शंख की ध्‍वनि से श्रीकृष्‍ण पांडवों की सेना उत्‍साह का संचार करते थे तो दूसरी ओर, कौरव खेमे में भय का माहौल कायम हो जाता था. वामावर्ती शंखों का पेट बायीं तरफ खुला हुआ रहता है. जबकि दक्षिणावर्ती शंख का मुख दायीं तरफ होता है. दक्षिणावर्ती शंख की एक पहचान और भी बताई गई है| इस शंख को कान पर लगाने से ध्वनि सुनाई देती है. वामावर्ती शंख पूजा में शंखनाद के काम आता है, क्योंकि वामवर्ती शंख मुख्य रूप से केवल बजाने के काम आता है और दक्षिणावर्ती शंख का पूजा में विशेष महत्त्व है, श्रीहरि विष्णु ने दक्षिणावर्ती शंख को अपने दाहिने हाथ में धारण कर लिया था।

 

घर में कितने शंख रखने चाहिए? shankh benefits 

धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवरात्रि या नवरात्रि के शुभ दिन शंख को घर में ही मंदिर में रखना होता है।घर में रखने पर शंख धन और समृद्धि को आकर्षित करता है।

शंख नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर रखने और शांति और सकारात्मकता को आमंत्रित करने के लिए जाना जाता है। नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने के लिए पूरे घर में शंख से जल छिड़कें।घर में शंख की उपस्थिति देवी सरस्वती को जागृत करके ज्ञान लाती है। वास्तु दोष वाले घर में नियमित रूप से शंख बजाने से वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। जोड़े के बीच के बंधन को मजबूत करने के लिए शयनकक्ष में शंख रखें।

 

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