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क्या अर्थ है शिव जी की तीसरी आँख का ? तीसरा नेत्र क्या होता है?
शिव की तीसरी आंख मन से अहंकार, ईर्ष्या की भावनाओं को दूर करने में मदद करती है, और आत्मा को पवित्रता की ओर ले जाती है। Shiva Third EYE लॉकेट
मन में एक संतुलन या स्थिरता प्रदान करता है, Shiva third eye locket जातक के अंदर की बुराई को दूर करता है।
और उसे शुद्ध आत्मा के साथ ईश्वर में विश्वास करने में मदद करता है। त्रिनेत्र का प्रतीक कर्म, विचारों और मन में पवित्रता प्रदान करता है।
तीसरा नेत्र क्या होता हैं ?
कहा जाता है कि जिस व्यक्ति में कल्याण की भावना हो और आने वाले समय को देख पाने की क्षमता हो, उसके पास ही तीसरा नेत्र यानी तीसरी आंख होती है।
यह त्रिनेत्र साधना और एकाग्रता से ही प्राप्त होता है। सामान्य मनुष्य भी सतत् साधना से ज्ञानचक्षु या तीसरा नेत्र पा सकता है।
क्या होता है जब शिव की तीसरी आँख खुलती है ?
भगवान शिव की तीसरी आँख खुलने से क्या होता हैं ?
पुराणों में भगवान शंकर के माथे पर एक तीसरी आंख के होने का उल्लेख है। उस आंख से वे वह सबकुछ देख सकते हैं जो आम आंखों से नहीं देखा जा सकता।
जब महादेव तीसरी आंख खोलते हैं तो उससे बहुत ही ज्यादा उर्जा निकलती है। एक बार खुलते ही सब कुछ साफ नजर आता है, फिर वे ब्रह्मांड में झांक रहे होते हैं।
ऐसी स्थिति में वे कॉस्मिक फ्रिक्वेंसी या ब्रह्मांडीय आवृत्ति से जुड़े होते हैं। तब वे कहीं भी देख सकते हैं और किसी से भी प्रत्यक्ष संपर्क स्थापित कर सकते हैं।
तीसरा नेत्र क्या होता हैं ? Shiva eye pendent
कहा जाता है कि जिस व्यक्ति में कल्याण की भावना हो और आने वाले समय को देख पाने की क्षमता हो, उसके पास ही तीसरा नेत्र यानी तीसरी आंख होती है।
यह त्रिनेत्र साधना और एकाग्रता से ही प्राप्त होता है। सामान्य मनुष्य भी सतत् साधना से ज्ञानचक्षु या तीसरा नेत्र पा सकता है।
कब खुलती हैं भगवान शिव की तीसरी आँख ?
शिव के दो नेत्र तो सामान्य रुप से खुलते और बंद होते रहते हैं लेकिन तीसरी आंख शिव जी तभी खोलते हैं जब शिव जी बहुत क्रोधित होते हैं.
इस नेत्र के खुलने का मतलब है प्रलय का आगमन वैसे तो महादेव की तीसरी आँख को लेकर कई कथाएं प्रचलित है.
ShivaThird EYE लॉकेट मन में एक संतुलन या स्थिरता प्रदान करता है |
क्या फायदे है Shiva Third Eye Locket पहनने के ? Shiva eye locket
कब खुली थी शिव जी की तीसरी आँख ?
शिव के दो नेत्र तो सामान्य रुप से खुलते और बंद होते रहते हैं लेकिन तीसरी आंख शिव जी तभी खोलते हैं जब शिव जी बहुत क्रोधित होते हैं.
इस नेत्र के खुलने का मतलब है प्रलय का आगमन वैसे तो महादेव की तीसरी आँख को लेकर कई कथाएं प्रचलित है.
उनमे से एक कथा के अनुसार जब कामदेव ने भोलेनाथ की तपस्या को भंग करने की कोशिश की थी तब शिवजी की तीसरी आँख उतपन हुई थी और
उसी से उन्होंने कामदेव को भस्म कर दिया था।
दूसरी कथा के अनुसार एक बार जब माता पार्वती ने पीछे से आकर भोलेनाथ की दोनों आँखों को अपने हाथो से बंद कर दिया था तब पुरे संसार में अँधेरा छा गया था।
तब भगवान शिव की तीसरी आँख खुद ही खुल गयी थी और फिर से चारो और रौशनी ही रोहणी हो गयी थी। Shiva Third EYE लॉकेट
मन में एक संतुलन या स्थिरता प्रदान करता है |