Navratan RIng Benefit | Navratna ring in which finger

by Prabhu Bhakti on March 05, 2023

नवरत्न अंगूठी में नौ रत्न लगे होते हैं, जो कि अलग-अलग ग्रहों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसमें सूर्य के लिए रूबी, मोती चंद्रमा के लिए, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरू के लिए पुखराज, शुक्र ग्रह के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए कैट्स आदि रत्न इसमें लगाए जाते है। रत्न शास्त्र में नवरत्न अंगूठी (Navratan Ring) के बारे में बताया गया है. इसका रत्न शास्त्र में विशेष महत्व है. ऐसा मान्यता है कि इस अंगूठी को धारण करने से जीवन में नकारात्मकता नहीं रहती.

नौ ग्रहों का प्रतिनिधित्व करती है ये रिंग/ Navratan Ring Planets

इस अंगूठी में लगे हुए सभी रत्न नवग्रहों के बुरे प्रभावों को कम करती है. और इससे पहनने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है. बता दें कि कुंडली में ग्रह दशा के आधार पर ही शुभ रत्नों का चयन किया जाता है. इसमें सूर्य के लिए रूबी, मोती चंद्रमा के लिए, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरू के लिए पुखराज, शुक्र ग्रह के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए कैट्स आदि रत्न इसमें लगाए जाते हैं.  ग्रहो को शांत कर उनके नकारात्मक प्रभाव को कम कर देते हैं। जिससे अंगूठी धारण करने वाले पर ग्रहों का कुप्रभाव कम हो जाते हैं। Navratan Ring ग्रहो को शांत कर उनके नकारात्मक प्रभाव को कम कर देते हैं। जिससे अंगूठी धारण करने वाले पर ग्रहों का कुप्रभाव कम हो जाते हैं।

क्या फायदे है नवरत्न रिंग पहनने के ? Navratan ring benefits

इस अंगूठी में लगे हुए सभी नवग्रहों के बुरे प्रभावों को कम करती है. इससे पहनने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है. बता दें कि कुंडली में ग्रह दशा के आधार पर ही शुभ रत्नों का चयन किया जाता है |वरत्न को हमारे शास्त्रों में अत्यंत शुभ माना जाता है। कहा गया है कि जो भी इसे पहनता है।उसे जीवन भर कोई भी गंभीर रोग अपने आगोश में नहीं लेता।यह अंगूठी स्वास्थ्य, समृद्धि, खुशी और मन की शांति का प्रतीक है। यह प्रतिकूल ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा और उनके दुष्प्रभाव को दूर करती है।इस नौ रत्नो से जड़ी अंगूठी को धारण करने से एकाग्रता और मानसिक शांति प्राप्त होती है।कार्य-क्षेत्र मे भाग्य आपका साथ देता है। समाज में पद-प्रतिष्ठा और समृद्धि का विकास भरपूर रूप से होता है |

नवरत्न रिंग पहनने के नियम  कहीं आप गलत तरीके से तो नहीं पहन रहे है नवरत्न रिंग ?

यदि आप ज्योतिषीय उपायों के लिए नवरत्न की अंगूठी, पेंडेंट या ब्रेसलेट पहन रहे हैं तो आपके लिए कुछ नियम जान लेना अत्यंत आवश्यक होगा। मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ में इसके लिए कुछ दिशा-निर्देश दिए गए हैं, जो इस प्रकार हैं. वज्रं शुक्रेब्जे सुमुक्ता प्रवालं भौमेगो गोमेदमार्को सुनीलम्। केतौ वैदरूय गुरौ पुष्पकं ज्ञे पाचि: प्राड्माणिक्यमर्के तु मध्ये।। 

1. कोशिश करें कि नवरत्न को सोने में ही जड़वाएं। सोने में बनवाने की क्षमता न हो तो चांदी में या चांदी में भी जड़वाने की क्षमता न हो तो अष्टधातु में नवरत्नों को जड़वाया जा सकता है। 

2. धातु का चयन कर लेने के बाद नवरत्नों के क्रम का विशेष ध्यान रखना होता है।

3. अंगूठी या पेंडेंट में रत्न जड़ने के स्थान पर रत्नों के लिए 9 कोष्ठों का सुंदर कोणों वाला चतुरस्त्र या अष्टदल कमल आदि के आकार का किसी बुद्धिमान शिल्पकला में निपुण स्वर्णकार से बनवाना चाहिए।

असली नवरत्न रिंग की पहचान ?

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि कई बार लोगों को असली के नाम पर नकली रत्न दे दिया जाता है। जिसका प्रभाव उनके जीवन पर नहीं होता और उनकी समस्या जस की तस ही रहती है। यह पूरी तरह से प्राकृतिक तत्व होता है और रत्न में सात अलग-अलग रंग पाए जाते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि रत्न पर जब सूर्य की रोशनी पड़ती है तो प्राकृतिक होने की वजह से वह रत्न को छूते हुए शरीर में प्रवेश करती है और इससे व्यक्ति के मन मस्तिष्क और संचार प्रभावित होता है।

* मेथलीन आयोडाइड केक घोल में रत्न डालने पर नकली वाला उसमें टहलने लगता है। वहीं जो असली रत्न होगा व सतह पर नहीं आता।

* प्राकृतिक रत्नों के कण एक समान ना होकर विभिन्न आकारों में और अनियमित रूप में होते हैं। कृतिम या नकली रत्नों में यह वक्र के रूप में दिखाई देते हैं।

* कृतिम रत्नों में अंदर की धारिया वक्र रूप में होती हैं जबकि प्राकृतिक या नकली रत्नों में यह सीधी होती हैं।

* रेशम या प्रकाशीय प्रभाव केवल प्राकृतिक रत्नों में ही दिखाई देता है नकली रत्नों में यह दिखाई नहीं देता।

* कृतिम रतन का रंग एक जैसा होता है जबकि प्राकृतिक में यह विभिन्न रंगों में अलग अलग दिखाई देता है।

 

Prabhu Bhakti Navratan Ring

नवरत्न अंगूठी Navratan Ring को हमारे अनुभवी और विद्वान ज्योतिषाचार्यों द्वारा विधिपूर्वक अभिमंत्रित करने के बाद ही आपके पास भेजा जाएगा, ऐसा करने से आपको इस रत्न के शुभ फल शीघ्र ही मिलते है। इस रत्न के साथ आपको एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो इस रत्न के ओरिजनल होने का प्रमाण है।