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by Prabhubhakti order on March 24, 2023

क्यों माना जाता है मंगल दोष को सबसे बड़ा दोष ?

अगर कुंडली के लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव या द्वादश भाव में मंगल स्थित हो तो यह मंगल दोष या कुजा दोष कहलाता है. इसे मांगलिक दोष भी कहा जाता है, ऐसा मानना है कि इसके कारण वैवाहिक जीवन में दिक्कतें पैदा होती हैं. समस्या के प्रकार और उनकी  तीव्रता एक समान नहीं होती, उनका असल प्रभाव कुंडली में मंगल की स्थिति पर निर्भर करता है जिन जातकों की कुंडली में मंगल की स्थिति कमजोर है उन्हें मंगल यन्त्र लॉकेट धारण करने की सलाह दी जाती है।

मंगल दोष से होने वाले दुषप्रभाव

आइये जानते हैं मंगल भारी होने पर क्या होता है :

1. जातक तेज, गुस्सैल मिजाज़ वाला और अहंकारी बन जाता है।
2. वैवाहिक और पारिवारिक जीवन में सुख नहीं रहता।
3. ससुराल वालों से रिश्ते बिगड़ने लगते हैं।
4. शारीरिक क्षमता में कमी आना, आयु क्षीण होना।
5. संतान प्राप्ति में परेशानियां आना।
6. रक्त संबंधी रोग होना।
7. मंगल दोष के कारण जातक कोर्ट कचहरी के मामलों में भी फंसा रहता है।

मंगल दोष कितने साल तक रहता है?

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जातक की कुंडली में मंगल दोष 28 वर्षों तक रहता है। कहते हैं जिस भी व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष होता है उसके प्रेम संबंध और वैवाहिक जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं। यही कारण है जब किसी की कुंडली में मंगल दोष लगता है तो उसे किसी मांगलिक से ही शादी कराने की सलाह दी जाती है |

क्यों धारण करना चाहिए मंगल दोष से होने वाले दुषप्रभाव  यन्त्र ?

यदि जातक की कुंडली में मंगल ग्रह खराब हो तो उन्हें मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी पूजा करें। सुंदरकांड, हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। साथ ही मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने के पश्चात मंगल ग्रह की अलौकिक शक्तियों से भरपूर Mangal Yantra Locket को धारण करें। ध्यान रहे कि इस लॉकेट को धारण करने के पश्चात हनुमान जी की पूजा नियमित रूप से होनी चाहिए तभी आपको यन्त्र लॉकेट के प्रभाव देखने को मिलेंगे।ज्योतिष शास्त्र मंगल दोष के संबंध में कहता है कि जब जातक की कुंडली के द्वादश भाव में मंगल मिथुन, कन्या, वृष या फिर तुला राशि के साथ होता है तब मंगल दोष परेशान नहीं करता है। यह उस स्थिति में भी बिल्कुल प्रभावहीन है जब मंगल वक्री या फिर नीच या अस्त अवस्था में हो। कुंडली के सप्तम भाव  में या लग्न स्थान में गुरू या शुक्र स्वराशि या उच्च राशि में हो तब मंगल दोष वैवाहिक जीवन में किसी तरह की अड़चन पैदा नहीं करता है। 

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क्या नियम है मंगल  यन्त्र धारण करने के तथा कैसे मजबूत करे मंगल  को | मंगल यंत्र के फायदे

मंगल ग्रह को प्रसन्न कैसे करें?
1. मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए हर मंगलवार हनुमान जी की पूजा करें।
2. सुन्दरकाण्ड, हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें।
3. मूंगा, गेंहू, मसूर, लाल वस्त्र, गुड़, बताशे, तांबे के बर्तन, लाल चंदन, केसर, आदि दान करें।
4. ब्रह्मुहुर्त के समय नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें।
”ॐ अं अंगारकाय नम:”
अथवा
”ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: मंत्र
मंगल देव की पूजा कैसे होती है?
1. मंगलवार के दिन प्रातःकाल स्नान कर व्रत का संकल्प लें?
2. इस दिन लाल वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
3. संकल्प लेने के बाद सबसे पहले गणेश जी का नाम का एक दीपक जलाएं।
4. आसन पर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएँ।
5. आसन पर बैठने से पहले अपने साथ लाल पुष्प, लाल चन्दन, केसर, देसी घी और कुशा आदि रख लें।
6. अब मंगल बीज मंत्र का 108 बार जाप करें।
”ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।”
मंगल ग्रह का गुरु कौन है?
मंगल ग्रह के गुरु मंगल देव हैं इन्हीं के प्रभाव से कुंडली में सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।

 

 

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