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यह कवच उन लोगों के लिए काफ़ी फायदेमंद है, जिनका मन रात के समय व्याकुल रहता है और सपने में बुरी घटनाएं घटती हुई दिखती है।इस शक्तिशाली महामृत्युंजय मंत्र कवच को अपने साथ रखने वाले की कभी भी आकस्मिक मृत्यु नहीं होती है।
यह सौभाग्य और बुद्धि की उत्कृष्टता को बढ़ाता है और मन को शांत और शीतल रखता है।
इस कवच के अंदर की शक्ति आपको अपनी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्थिति को निंयत्रित करने में मदद करती है। भगवान शिव का दिया हुआ यह शक्तिशाली लॉकेट आपको धन-धान्य से परिपूर्ण करता है। Buy mahamrityunjaya kavach online will survive premature death and by wearing sri maha mrityunjaya kavach locket even death can not hug you.
Maha Mrityunjaya kavach क्या होता है ?
Maha mrityunjaya kavach पर भगवान शिव जो मृत्यु के देवता है उनका आशीर्वाद होता है। maha mrityunjaya kavach mantra लोगों को बीमारियों, गंभीर खतरों, मृत्यु के भय और बीमारी से ठीक करने में मदद करता है। इसके एक तरफ भगवान शिव की और दूसरी तरफ महा मृत्युंजय मंत्र की छवि होती है। जब कुंडली में मंगल और शनि एक दूसरे के विपरीत खड़े हों तो महा मृत्युंजय कवच मंत्र का जाप करना चाहिए क्योंकि इस तरह के ग्रहों के प्रतिकूल प्रभावों से आकस्मिक मृत्यु भी हो सकती है। [1]
Maha mrityunjaya kavach मंत्र के जाप से उपासकों को तनाव, अहंकार, कष्ट आदि से मुक्ति मिलती है । यह शक्तिशाली कवच अपने उपासक को निरोगी और वीर बनाता है। महा मृत्युंजय कवच व्यक्ति के जीवन में किसी भी घातक स्थिति को टालने के लिए एक शक्तिशाली कवच है। Maha Mrityunjaya Kavach Mantra व्यक्ति को घातक दुर्घटनाओं और बीमारियों से बचाता है। आदर्श रूप से अधिकतम लाभ के लिए maha mrityunjaya kavach stotra का 108 बार जाप करना चाहिए ।
महा मृत्युंजय कवच के लाभ
महा मृत्युंजय कवच को भगवान शिव का निवास स्थान कहा जाता है और इसलिए इस कवच के प्रभाव से तनाव और परेशानियों से मुक्त होता है।
यह बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभाव को भी शांत करता है।
भगवान शिव का यह महा कवच कुंडली मे केतु और राहु ग्रह के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में उपयोगी है।
यह किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष जैसे बुरे योग में मदद करता है।
यह कवच मानसिक परेशानी , मोटापा, रक्तचाप के रोग, हृदय रोग, क्रोध, तनाव, मधुमेह, बवासीर आदि रोगों को भी ठीक करता है।
यह कवच बहुत प्रसिद्ध है। इसका जाप करने से आपकी सभी वित्तीय परेशानियों दूर होती है।
मृत्युंजय कवच पूजन विधि
मृत्युंजय कवच पूजन विधिसी भी सोमवार के दिन प्रातः बेला में स्नान करके शुभ मुहूर्त में सच्चे मन और आत्मशुद्धि के साथ पूजा स्थान पर शिव प्रतिमा के समक्ष आसन ग्रहण करेें। घी का दीपक और धूप-दीप प्रज्वलित करें और कवच को पंचामृत – घी, दूध, दही, शहद, शक्कर से स्नान कराएं। इसके बाद कवच को गंगा जल से स्नान करवाकर कवच पर चंदन, साबुत चावल, सुपारी, सफेद पुष्प अर्पित करें। इसके साथ धारण करने के समय mahamrityunjaya mantra