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5 Mukhi Rudraksha में भगवान् शिव के कालाग्रि रूप को कहा गया है इसमें पेंच देवो के वास होने का कारण इसे बहुत ही उच्च स्थान दिया है क्योकि यह रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रिय रुद्राक्ष माना गया हे और इसे धारण करने से हर काम में सफलता मिलती है , यह हमारे आसपास की सारी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। रुद्राक्ष धारण करना बहुत अच्छा साबित होता है क्योंकि यह आपकी अपनी ऊर्जा का एक सुरक्षा कवचा बना देता है।
इस रुद्राक्ष का अधिपति गृह बृहस्पति को माना जाता है और ज्योतिष में यह गृह को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है इसलिए 5 Mukhi Rudraksha को बृहस्पति के नकारत्मक प्रभाव को दूर करने के लिए भी पहना जाता है।
5 मुखी रुद्राक्ष उनके लिए काफी अच्छा साबित होता है जिन्हे हमेशा मृत्युं का भय बना रहता है।
अगर वैवाहिक जीवन में परेशानी चल रही हो तो ५ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से सारी परेशानिया खत्म हो जाती है।
यह पेट से समन्धित बीमारियों को भी दूर करता है।
जिनके कुंडली में बृहस्पति कमजोर है उन्हें बृहस्पति ग्रह मजबूत बनाने के लिए ५ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। और जिनकी याददास्त कमजोर हो उन्हें ५ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए .
5 Mukhi Rudraksha me में पांच मुख होते है इसलिए जब भी इसे खरीदे तो इसे पानी में ढाल कर देखे अगर यह अपना रंग छोड़ दे तो यह नकली रुद्राक्ष होता है।
दूसरा तरीका यह भी है रुद्राक्ष को सरसों के तेल में रख दें और यदि रुद्राक्ष का रंग उसके रंग से थोड़ा अधिक गहरा दिखाई देने लगे तो वह असली है.
पांच मुखी रुद्राक्ष को स्न्नान आदि करने के बाद ही धारण करें।
पांच मुखी रुद्राक्ष को गंगाजल से साफ कर ले।
5 Mukhi Rudraksha ko Dharan करने से पूर्व 108 बार ऊं ह्रीं नम: मंत्र (5 mukhi rudraksha mantra) का जाप जरूर करना चाहिए। इससे बहुत अधिक लाभ मिलता है।
असली पांच मुखी रुद्राक्ष को आप हमारी Wesbsite Prabhu Bhakti से Online Buy कर सकते है।